13 मई एक याद
Jun 5, 2024 ·
6m 13s
![13 मई एक याद](https://d3wo5wojvuv7l.cloudfront.net/t_square_limited_480/images.spreaker.com/original/8f89022f03f272d9c5a469107657e591.jpg)
Sign up for free
Listen to this episode and many more. Enjoy the best podcasts on Spreaker!
Download and listen anywhere
Download your favorite episodes and enjoy them, wherever you are! Sign up or log in now to access offline listening.
Description
13 मई को जयपुर में बम्ब धमाके हुए थे जिसमे कई लोगो की जान गई थी 13 मई 2008 को हुई इस घटना के मामले में विशेष न्यायालय ने चार गुनाहगारों को मृत्यु दंड की सजा दी है लेकिन अभियुक्तों को अब तक फांसी नहीं मिलने के चलते शहरवासियों को सही मायने में न्याय नहीं मिल पाया है। मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को गिरफ्तार किया था, जबकि कुछ अन्य आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्त में नहीं ले पाई है।
मामले में 1 हजार से ज्यादा गवाह
इस मामले में पुलिस ने आठ मुकदमे दर्ज किए थे और इन सभी में आरोपियों पर चार्ज तय होने के बाद ट्रायल हुई। मामलों में एक हजार से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए अन्य चारों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी। शाहबाज हुसैन पर आरोप था कि उसने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ईमेल भेजा था।
अभियोजन पक्ष की गलती से फांसी में देरी
कानून के जानकारों का कहना है कि मामले में अभियोजन पक्ष ने शुरू से ही तकनीकी गलती की, जिसके चलते अभियुक्तों को अभी तक फांसी नहीं हो पाई है। एक ही दिन एक समान घटना होने के बाद भी पुलिस ने आठ ब्लास्ट के मामले में आठ अलग-अलग मामले दर्ज किए और अदालत में आठ अलग-अलग आरोप पत्र पेश किए, जिसके चलते अदालत ने भी आठों मामलों में अलग-अलग सुनवाई कर अपने फैसले दिए। राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस और अभियुक्तों की कुल अपीलों की संख्या मिलाकर करीब 44 हो गई है। ऐसे में हाईकोर्ट में सुनवाई में देरी होना लाजमी है।
फैसले के बाद जिंदा बम को लेकर पेश किया आरोप पत्र
विशेष न्यायालय की ओर से फैसला सुनाने के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज हुसैन सहित बाकी चारों अभियुक्तों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र पेश कर दिया। आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए समान धाराएं रखी गई हैं। इस मामले में अदालत में अभियोजन पक्ष के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट आरोपी शाहबाज हुसैन को गत 25 फरवरी को जमानत पर रिहा कर चुकी है।
ये हैं आरोपी
पहला आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शानू निवासी मौलवीगंज, उत्तरप्रदेश से है। जयपुर में 13 मई 2008 को हुए बम ब्लास्ट के बाद सबसे पहले 8 सितंबर 2008 को शाहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया गया, हालांकि विशेष न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।
दूसरा आरोपी मोहम्मद सैफ, निवासी सरायमीर, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश से है। इसे 23 दिसंबर 2008 को गिरफ्तार किया गया।
तीसरा आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, निवासी चांदपट्टी, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश से है। इसे 29 जनवरी 2009 को गिरफ्तार किया गया।
चौथा आरोपी सैफ उर्फ सैफुर्रहमान, निवासी आजमगढ़ उत्तरप्रदेश से है। इसको 23 अप्रैल 2009 को गिरफ्तार किया गया।
पांचवा आरोपी सलमान, निवासी निजामाबाद, उत्तरप्रदेश से है। इसे 3 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा कई अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं।
इन जगहों पर हुए थे धमाके
13 मई 2008 की शाम करीब 7.20 बजे पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने हुआ। इसमें 1 महिला की मौत हुई, जबकि 18 लोग घायल हो गए।
दूसरा बम धमाका बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकानों के पास शाम करीब 7.25 बजे हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई साथ ही 27 लोग घायल हुए।
तीसरा बम ब्लास्ट शाम करीब 7.30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ। इनमें 2 पुलिसकर्मियों सहित 7 लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे।
चौथा बम धमाका भी इसी समय दुकान नंबर 346 के सामने, त्रिपोलिया बाजार के पास हुआ। इसमें 5 लोगों की मौत और 4 लोग घायल हुए।
पांचवां बम धमाका चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7.30 बजे हुआ। इनमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए।
छठा बम ब्लास्ट जौहरी बाजार में पीतलियों के रास्ते में कार्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7.30 बजे हुआ। इनमें 8 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हुए।
सातवां बम धमाका शाम 7.35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में हुआ। इसमें 2 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए।
आठवां बम धमाका जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट, हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7.36 बजे हुआ। इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए।
नौंवे ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपोल बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर करने की थी। बम में रात 9 बजे का टाइमर सेट था, लेकिन 15 मिनट पहले बम स्क्वाड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
मामले में 1 हजार से ज्यादा गवाह
इस मामले में पुलिस ने आठ मुकदमे दर्ज किए थे और इन सभी में आरोपियों पर चार्ज तय होने के बाद ट्रायल हुई। मामलों में एक हजार से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए अन्य चारों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी। शाहबाज हुसैन पर आरोप था कि उसने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ईमेल भेजा था।
अभियोजन पक्ष की गलती से फांसी में देरी
कानून के जानकारों का कहना है कि मामले में अभियोजन पक्ष ने शुरू से ही तकनीकी गलती की, जिसके चलते अभियुक्तों को अभी तक फांसी नहीं हो पाई है। एक ही दिन एक समान घटना होने के बाद भी पुलिस ने आठ ब्लास्ट के मामले में आठ अलग-अलग मामले दर्ज किए और अदालत में आठ अलग-अलग आरोप पत्र पेश किए, जिसके चलते अदालत ने भी आठों मामलों में अलग-अलग सुनवाई कर अपने फैसले दिए। राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस और अभियुक्तों की कुल अपीलों की संख्या मिलाकर करीब 44 हो गई है। ऐसे में हाईकोर्ट में सुनवाई में देरी होना लाजमी है।
फैसले के बाद जिंदा बम को लेकर पेश किया आरोप पत्र
विशेष न्यायालय की ओर से फैसला सुनाने के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज हुसैन सहित बाकी चारों अभियुक्तों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र पेश कर दिया। आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए समान धाराएं रखी गई हैं। इस मामले में अदालत में अभियोजन पक्ष के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट आरोपी शाहबाज हुसैन को गत 25 फरवरी को जमानत पर रिहा कर चुकी है।
ये हैं आरोपी
पहला आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शानू निवासी मौलवीगंज, उत्तरप्रदेश से है। जयपुर में 13 मई 2008 को हुए बम ब्लास्ट के बाद सबसे पहले 8 सितंबर 2008 को शाहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया गया, हालांकि विशेष न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।
दूसरा आरोपी मोहम्मद सैफ, निवासी सरायमीर, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश से है। इसे 23 दिसंबर 2008 को गिरफ्तार किया गया।
तीसरा आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, निवासी चांदपट्टी, आजमगढ़ उत्तरप्रदेश से है। इसे 29 जनवरी 2009 को गिरफ्तार किया गया।
चौथा आरोपी सैफ उर्फ सैफुर्रहमान, निवासी आजमगढ़ उत्तरप्रदेश से है। इसको 23 अप्रैल 2009 को गिरफ्तार किया गया।
पांचवा आरोपी सलमान, निवासी निजामाबाद, उत्तरप्रदेश से है। इसे 3 दिसंबर 2010 को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा कई अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं।
इन जगहों पर हुए थे धमाके
13 मई 2008 की शाम करीब 7.20 बजे पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने हुआ। इसमें 1 महिला की मौत हुई, जबकि 18 लोग घायल हो गए।
दूसरा बम धमाका बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकानों के पास शाम करीब 7.25 बजे हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई साथ ही 27 लोग घायल हुए।
तीसरा बम ब्लास्ट शाम करीब 7.30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ। इनमें 2 पुलिसकर्मियों सहित 7 लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे।
चौथा बम धमाका भी इसी समय दुकान नंबर 346 के सामने, त्रिपोलिया बाजार के पास हुआ। इसमें 5 लोगों की मौत और 4 लोग घायल हुए।
पांचवां बम धमाका चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7.30 बजे हुआ। इनमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए।
छठा बम ब्लास्ट जौहरी बाजार में पीतलियों के रास्ते में कार्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7.30 बजे हुआ। इनमें 8 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हुए।
सातवां बम धमाका शाम 7.35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में हुआ। इसमें 2 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए।
आठवां बम धमाका जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट, हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7.36 बजे हुआ। इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए।
नौंवे ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपोल बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर करने की थी। बम में रात 9 बजे का टाइमर सेट था, लेकिन 15 मिनट पहले बम स्क्वाड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
Information
Author | onlinelearn ml |
Website | - |
Tags |
-
|
Copyright 2024 - Spreaker Inc. an iHeartMedia Company