अंग्रेज़ी में 'कॉल गर्ल चल जाता है पर इसका हिंदी वाला शब्द क्यों चुभता है?: Ep 03
Jul 18, 2022 ·
23m 13s
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Description
गुलज़ार साहब की एक लिखी बात है, उत्सुकता से बड़ा कोई शिक्षक नहीं. बस यही बात सौरभ द्विवेदी को उस दिन तखत के नीचे ले गई और मुलाकात हुई ''कॉल गर्ल'' नामक शब्द से. बचपन में ये शब्द उन्हें समाज के किस सच की ओर ले गया और आज क्या है उनके अनुसार न्यूटन का पांचवां नियम? इन सवालों के जवाब मिलेंगे इस एपिसोड में. कुछ शब्दों के साथ ऐसा ही है कि अगर अंग्रेजी में उनको पुकारा जाए तो कानों को थोड़ा कम चुभता है और हिंदी में बिलुकल उबड़ खाबड़ सा लगता है. और भी कई सवाल हैं जैसे क्या था उस काली पॉलिथीन का रहस्य. चुनाव कवर करने गए तो चुनाव से परे क्या अनुभव किया और नामदेव ढसाल की कविता कमाठीपुरा पढ़ने के बाद कैसे बदला सौरभ का नज़रिया. सुनिए सौरभ द्विवेदी की अपनी आंखों देखी ग्रामीण के इस एपिसोड में सिर्फ LT Baaja पर.
Information
Author | Lallantop Baaja |
Organization | Nitin Gupta |
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