तहजीब हाफी की अमर ग़ज़लें और नज़्में | Tehzeeb Hafi: Ghazal | Nazm | Poetry

Apr 22, 2024 · 12m 12s
तहजीब हाफी की अमर ग़ज़लें और नज़्में | Tehzeeb Hafi: Ghazal | Nazm | Poetry
Description
ज़िंदगी के सफर में, कभी-कभी हमें कुछ पल ऐसे मिलते हैं जो दिल को छू जाते हैं। तहज़ीब हाफ़ी की शायरी में छुपी हर एक लफ़्ज़, हर एक मिस्रा, एक अनोखी कहानी सुनाता है। वो सफ़ेद शर्ट, वो मुस्कुराहट, वो पहली मुलाक़ात, सब कुछ याद दिलाता है एक बीते हुए ज़माने की। 
जैसे "सफ़ेद शर्ट थी तुम सीढ़ियों पे बैठे थे, और मैं क्लास से निकली मुस्कुराहटे हुए" उस लम्हे में जैसे वक़्त थम गया था, और हर इशारे में तुम्हारा साथ महसूस होता था। और फिर वो चुप रहना, वो गुस्सा भरा लहज़ा, वो आवाज़ें, सब कुछ याद आता है। मोहब्बत में लड़ना, और फिर उस लड़ाई में खो देना, ये भी एक अनोखा एहसास है। हर उस शख़्स का चुप रहना, जो ज़िंदगी में आए और दिल को छू गए, याद आता है।
"तू किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझ से" जिंदगी में जो कुछ भी मिला, या खो दिया, ये नज़्म हमें याद दिलाता है कि हर रिश्ता, हर एहसास, कुछ ख़ास होता है। हर लफ़्ज़, हर शेर, एक अनमोल कहानी है जो ज़िंदगी को और भी रंगीन बनाती है।
आशा है आपको यह पाठ पसंद आएगा। 
Information
Author Mayank Gangwar
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